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Showing posts from August, 2020

Reality of Addressing and Sensation(संबोधन और संवेदना की वास्तविकता) By Neeraj Kumar

  संबोधन और संवेदना की वास्तविकता इन्सान संबोधन से संवेदना के कार्य को कर सकता है| संबोधन एक ऐसा कार्य होता है| जिसमे एक इन्सान कई दुसरे इंसानों को संबोधित करता है या कोई बात बताने की कोशिश करता है, जो कभी दुसरे इंसानों ने उसके बारे में सुना नहीं हो| संबोधन में कभी कभी इन्सान अपनी संवेदना भी व्यक्त कर देता है| संबोधन वैसे तो कई दुसरे कार्यो के लिए भी किया जाता है, जिसमे कोई इन्सान अपने या कई दुसरे इंसानों को कोई बात बताता है| संबोधन बहुत से कार्यो के लिए किया जाता है| समाज कल्याण के कार्यो के लिए एक ऐसे मंच का उपयोग किया गया हो या किया जाता है| जो किसी पद या प्रतिष्ठा से जुडा हो| लेकिन कभी-कभी संबोधन के लिए इन्सान को कई तरह के मंच पर उतरना पड़ता है| संबोधन भी कई तरह के विषय का होता है, जिसके लिए संबोधन जरुरी बन जाता है| संवेदना एक ऐसा कार्य होता है जिसमे कोई इन्सान किसी दुसरे इन्सान को अपनी भावना व्यक्त करता है| जिसमे अधिकतर इन्सान किसी दुसरे इन्सान के दुःख दर्द के लिए अपनी सहानुभूति संवेदना के जरिये व्यक्त करते है| संवेदना देना भी इन्सान के उस संस्कार को दर्शा देता है| जो उसने

Reality of Life(जीवन की वास्तविकता) By Neeraj Kumar

                             जीवन की वास्तविकता वास्तविकता  कहते है किसी भी इन्सान का जीवन तभी मिलता है, जब उसने 84 लाख यौनियो को पार किया हो| कई बार पिछले कर्मो के आधार पर भी इंसानी जीवन मिल सकता है| इंसानी जीवन की उम्र करीब 100 वर्ष निर्धारित की गई है, जबकि दुनिया में किसी को नहीं पता की वो अपना जीवन इस दुनिया में कितना बिताएगा| जिसको जीवन मिला, उसको किसी ना किसी तरीके से भोगना ही पढता है चाहे ख़ुशी और कमियाबी से बिता सके, या दुखी और बिना कामियाबी के| ये वो यात्रा है जिसमे चाहे तो सब मिल जाता है और यदि ना चाहे तो कुछ भी नहीं| जीवन की यात्रा में भी कई चरण है जिसको हमें अलग अलग किरदारों में निभाना ही पढता है| जीवन पर विचार  जीवन का मिलना हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है, हम जीवन की वास्तविकता से जान सकते हैं जिसे हम अन्य जीवित प्राणियों को देखकर समझ सकते हैं। यात्रा में कोई फर्क नहीं पड़ता कि जीवन की यात्रा में वह अपनी रेल को कैसे चलाता है और वह किस तरह से अपनी भूमिका निभाता है। जीवन एक ऐसा ढाँचा है, जिसे समझना हमारे लिए उतना ही ज़रूरी है जितना कि हर उस इंसान को जीना है जो इस जीवन की यात

Reality of Time(समय की वास्तविकता) by Neeraj Kumar

                              समय की वास्तविकता वास्तविकता कहते है दुनिया में समय किसी के हाथ में नहीं   है जो उसे पकड सके , समय अपनी निरंतर गति से चलता रहता है | भगवान को भी समय के साथ ही चलना पढ़ा था , जो आज भी दुनिया में समय की व्याख्या को बताने की कोशिश समय समय पर करते रहते है| कब किसको क्या करना चाहिए ये उसका समय ही बताता है| समय की गति कभी नहीं रुकती ये निरंतर चलती रहती है|  समय का विचार जब से इस सृष्टि की रचना हुई है , तब से समय अपनी निश्चित गति से चल रहा है| और इसी तरह चलता रहेगा| समय की अवधि में ना जाने कितने काल बीत गये, लेकिन समय की गति कभी नहीं रुकी| दुनिया की कोई ऐसी शक्ति नहीं , जो समय की गति को रोक सके और उसे चुनौती दे सके| हर इन्सान के आने और जाने का समय निश्चित है वो इस दुनिया में अपना जीवन का कितना समय  बिताता है ये उसका समय ही निर्धारित करता है|  समय का महत्व जो इंसान समय का सदुपयोग करता है वो कभी जीवन में असफल नही हो सकता। समयनुसार उसके सभी काम होते चले जाते है। हमने कुछ ऐसे भी इंसान देखे होंगे जो समय से पहले कुछ कार्यो को करना पसंद करते है और कुछ ऐसे इंसान

Reality of Good and Evil(अच्छाई और बुराई की वास्तविकता) by Neeraj Kumar

  अच्छाई   और बुराई की वास्तविकता वास्तविकता हर एक इन्सान के जीवन के दो पहलु होते है जो जीवन भर उसके साथ साथ चलते है एक अच्छाई और दूसरा बुराई| ये उस इन्सान को ही सोचना और समझना होता है की वो जीवन भर किस रास्ते चलना चाहता है| वो इन्सान चाहे तो अच्छा बनकर अच्छाई के रास्ते चल सकता है और वही इन्सान चाहे तो बुरा बनकर बुराई के रास्ते चल सकता है| अच्छाई और बुराई पर विचार   अच्छाई और बुराई जीवन के वो रास्ते है, जिसमे इन्सान को ये समझना होता है की किस रास्ते पर कितनी कठिनाई मिलेगी| और वो उस रास्ते को अपनाकर अपना जीवन व्यतीत करता है या कर सकता है| हम ये नहीं कहेंगे की इन्सान को अच्छा बनकर अच्छाई के रास्ते ही चलना चाहिए, और हम ये भी नहीं कहेगे की इन्सान को बुरा बनकर बुराई के रास्ते ही चलना चाहिए| क्योकि दोनों रास्तो की कठिनाईयाँ और चुनौतिया अलग अलग होती है|  अच्छाई बुराई का महत्व हम जीवन में जो रास्ता चुनते है, उस रास्ते की कठिनाईयो के साथ जीवन की कसौटी को पार करना हमारा कर्तव्य बन जाता है| जो हमारे व्यक्तित्व की एक पहचान दुनिया के सामने रखता है| कई दुसरे इन्सान हमारी उस बनाई गई पहचान को अपनाते ह

Reality of Humanity (इंसानियत की वास्तविकता) By Neeraj Kumar

  इंसानियत की वास्तविकता वास्तविकता  इन्सान ही एक ऐसा प्राणी है जो अपने इंसान होने का फर्ज अदा कर सकता है दुनिया मे इंसानियत के बहुत सारे किस्से कहानियां है जो हमें हमारे इंसान होने पर गर्व करवा सकता है कि क्या हम इंसानियत को सही तरीके से निभा रहे है या नही। इंसानियत का विचार  आज दुनिया में कोई ऐसा इंसान नहीं है जो किसी ना किसी समस्या से ना घिरा हुआ हो। हमने अपने दैनिक जीवन में देखा होगा कि हमारी समस्याओं से बड़ी दूसरे की समस्या है जो उस इंसान का जीवन खत्म करने पर उतारू है।दूसरे इंसानो की समस्या का समाधान करना ही सबसे बड़ी इंसानियत कहलाती है। समाधान किसी भी तरह से किया  गया वो हमारी इंसानियत का कर्ज अदा करती है। इंसानियत का महत्व जब कभी कोई इन्सान बिना लालच के किसी दुसरे इन्सान की कोई ऐसी मदद करता हो जिसमे उसका कोई लालच ना छुपा हो जिसको करना समाज के लिए एक उदाहरण साबित हो और वो उसके लिये खड़ा रहता है तो हम उस इन्सान को इंसानियत की संज्ञा देते है|  दुनिया में बहुत से ऐसे इन्सान हुये है जो बिना लालच के दुसरे बेसहारा  गरीब इंसानो की मदद करने के लिए सामने आते है, वो अपने द्वारा की गई मदद से 

Reality of kindness(दयाभाव की वास्तविकता) By Neeraj Kumar

  दयाभाव की वास्तविकता वास्तविकता दयाभाव एक ऐसी भावना है जो किसी किसी इंसान के पास देखने को मिलती है निर्धन और बेसहारा इंसानो की मदद करना ही दयाभाव की भावना रखने वालों की पहचान बनती है। हमनें अपने दैनिक जीवन में बहुत से ऐसे इंसान देखे होंगे जो हमेशा किसी ना किसी की मदद के लिये तैयार रहते है। दयाभाव पर विचार यदि बात दया पर विचार करने की आती है तो हम आसानी से उन इंसानो को पहचान सकते है जो तुरंत ही उन इंसानो और जीव जंतुओं के लिये अपने मन मे दया की भावना को जागते है हम उनके इस भावना से ही पहचान सकते है कि इस इंसान में दयाभाव की भावना है  दयाभाव का महत्व देखा जाये तो दुनिया में दयालु और दयाभाव रखने वाले लोगो की कोई कमी नहीं है यदि हम अपने चारो और देखे तो हमें कम से कम कुछ ऐसे इंसान मिल जाते है जो दुसरे के दुःख को अपना समझते है और उनकी सहायता के लिए तुरंत तैयार हो जाते है उनके मन मे दूसरे इंसानो के लिये दया की भावना होती है  कभी हम देखते है दुनिया में कोई ऐसी मुसीबत लोगो के सामने आती है तो मुसीबतों में घिरे लोगो की मदद करने के लिए बहुत से दयाभाव रखने वाले लोग सामने आते है| और उन्होंने अपना