अच्छाई और बुराई की वास्तविकता
वास्तविकता
हर एक इन्सान के जीवन के दो पहलु होते है जो जीवन भर उसके साथ साथ चलते है एक अच्छाई और दूसरा बुराई| ये उस इन्सान को ही सोचना और समझना होता है की वो जीवन भर किस रास्ते चलना चाहता है| वो इन्सान चाहे तो अच्छा बनकर अच्छाई के रास्ते चल सकता है और वही इन्सान चाहे तो बुरा बनकर बुराई के रास्ते चल सकता है|
अच्छाई और बुराई पर विचार
अच्छाई और बुराई जीवन के वो रास्ते है, जिसमे इन्सान को ये समझना होता है की किस रास्ते पर कितनी कठिनाई मिलेगी| और वो उस रास्ते को अपनाकर अपना जीवन व्यतीत करता है या कर सकता है| हम ये नहीं कहेंगे की इन्सान को अच्छा बनकर अच्छाई के रास्ते ही चलना चाहिए, और हम ये भी नहीं कहेगे की इन्सान को बुरा बनकर बुराई के रास्ते ही चलना चाहिए| क्योकि दोनों रास्तो की कठिनाईयाँ और चुनौतिया अलग अलग होती है|
अच्छाई बुराई का महत्व
हम जीवन में जो रास्ता चुनते है, उस रास्ते की कठिनाईयो के साथ जीवन की कसौटी को पार करना हमारा कर्तव्य बन जाता है| जो हमारे व्यक्तित्व की एक पहचान दुनिया के सामने रखता है| कई दुसरे इन्सान हमारी उस बनाई गई पहचान को अपनाते है और कई ठुकरा देते है|
हम इन रास्तो के लिए सोच सकते है की हम जिस इन्सान के साथ जैसा करेंगे, वैसे के ही हक़दार हो| क्या पता हम किसी के साथ अच्छाई कर रहे हो और वो भी हमारे साथ अच्छाई ही करे| या हम किसी के साथ बुरा कर रहे हो और वो भी हमारे साथ बुरा ही करे| ये फैसला उसके व्यक्तित्व पर निर्भर करता है, जो रास्ता उसने अपनाया होता है| हमें नहीं पता की वो किस रास्ते से निकल चूका है, उसके व्यवहार से ही उसके व्यक्तित्व की पहचान की जाती है|
कभी हम देखते है जिस इन्सान को हम नहीं जानते हो और हम उसके बारे में एक विचार लेकर बैठ जाते है, ये इन्सान बहुत बुरा है| लेकिन वो इन्सान ऐसा कोई काम नहीं करता हो, जिसके लिए उसे बुराई की उपाधि मिली|
वही दूसरी तरफ कभी हम उसके बारे में विचार लेकर बैठ जाते है की ये इन्सान बहुत अच्छा है| और वो ऐसा कोई काम नहीं करता हो, जिसके लिए उसे अच्छाई की उपाधि मिली|
अच्छाई और बुराई दोनों
पहलुओ से इन्सान के जीवन में एक गहरा प्रभाव होता है और वो प्रभाव उस इन्सान के आस
पास रहने वाले इंसानों पर भी पढ़ता है| ये जीवन का वो साया होता है, जिसको इन्सान
अपने विचार, व्यवहार और संबंधो से ही निर्धारित कर सकता है|
Which puts an identity of our personality in front of the world. Many other people adopt our created identity and many reject it. For these paths, we can think that we will be entitled to the kind of person with whom we will do.
Do you know that we are doing good to anyone and that too should be good with us? Or we are doing bad to someone and they should also do bad to us. This decision depends on his personality, the path he has followed. We do not know from which path he has left, his personality is identified by his behaviour.
Sometimes we see a person whom we do not know and we sit down with an idea about it, this person is very bad. But that person does not do any such work, for which he got the title of evil. On the other side, sometimes we sit with the idea about him that this person is very good. And he does not do any such thing, for which he got the title of goodness.
Nice one
ReplyDeleteNice story bhai
ReplyDeleteNice one bhai
ReplyDeleteधर्म। ही कर्म, प्रेम खुशी देता है
ReplyDeleteNice
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