भूख की वास्तविकता
वास्तविकता
भूख एक ऐसा एहसास है जो
किसी भी इन्सान को तोड़ के रख देती है दुनिया में ऐसा कोई इन्सान या जीव जन्तु नहीं
है जिसको भूख ना लगती हो बिना भूखे रह कर कोई भी इन्सान कोई काम नहीं कर सकता|
पृथ्वी पर जब से इंसानों या जीव जन्तु की उत्पत्ति हुई है तब से इन्सान को भूख
लगना लाजमी है यदि कोई ऐसा इन्सान मिलता है जिसको भूख ना लगती हो| वो इस दुनिया
में किसी देवीय शक्ति से कृपालु हो सकता है लेकिन ऐसा इन्सान बहुत ही कम देखने को
मिलते है|
भूख पर विचार
भूख वो एहसास है जिसको
इन्सान जन्म से लेकर मृत्यु तक महसूस कर सकता है बिना भूखे रहे कोई भी इन्सान अपना
जीवन व्यतीत नहीं कर सकता| इन्सान को अपने लिए दिन में कम से कम दो समय के भोजन का इंतजाम करना ही होता
है| दुनिया के बहुत से देश ऐसे है जहाँ लोगो को भुखमरी का सामना करना पड़ता है और
भूख से लोगो की मौत तक हो जाती है और ये आकड़ा दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है जबकि
कई देशो में भूख से तडपते लोगो को देखा गया है दुनिया के बहुत से गरीब देश है जहाँ
भूखे रहने से वहां के जन्मे बच्चो को कुपोषण का शिकार तक हो जाते है| भूख इन्सान
को कार्य करने में असमर्थ कर देती है| यदि भूखे इंसानों के एहसास को महसूस करना है
तो एक दिन भूख से सामना करके देखो हमें उस भूख की शक्ति का एहसास हो जायेगा|
भूख और भोजन
भूख को संतुष्ट करने के लिए
भोजन ही इन्सान के शरीर को काम करने की शक्ति देता है यदि कोई इन्सान कुछ दिन तक
भूखा रहता है तो उसकी मृत्यु तक हो जाती है यदि किसी साधारण व्यक्ति को भूखा रहना
पढ़ जाये तो वो ज्यादा से ज्यादा एक या दो हफ्ते तक भूखा रह सकता है भूखा रहने से
उसकी रोगों से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है और वो बीमारियों का शिकार हो जाता है
लेकिन भारत ही नहीं दुनिया के कई देशो में लोगो को कई दिनों तक भूखा रहना पड़ता है
और कई लोग ऐसे मिलेंगे जिनका पूरा का पूरा जीवन दो वक्त के भोजन की तलाश में ही
गुजर जाता है जबकि दुनिया में खाने की सामग्री बहुत अधिक मात्रा में उपजाई जाती है
जैसे
अनाज का महत्व
दुनिया में भूख की संतुष्टि के लिए अनाज ही है जो भूख को मात दे सकता है लेकिन अनाज की उत्पति प्राचीनकाल से वर्तमान काल की बहुत बड़ी उपलब्धि है जो जीवन को बचाए रखने में महत्पूर्ण भूमिका अदा करती है अनाज की उत्पत्ति कई प्रकार से की जाती है आदिमानव काल से ही भूख की संतुष्टि के लिए अनाज की उत्पति की जाती थी आदिमानवो के द्वारा कुछ ना कुछ फासले उपजाई जाती थी वो अपनी भूख की संतुष्टि के लिए शिकार भी करते थे| इस को जानने के लिए इतिहास को पढना होगा|
लेकिन आज वर्तमान में भूख को संतुष्टि के लिए तरह तरह के अनाज की उत्पति की जाती है और इसकी उत्पति किसानो के द्वारा की जाती है इंसानों की भूख की बात करे तो उनको तीन समय का भोजन अनिवार्य होता है जिसके द्वारा वो अपनी दैनिक दिन चरिया को सुचारू रूप से चलाने में शक्षम होते है
यदि कोई इन्सान पुरे दिन में भोजन के द्वारा अपनी भूख को संतुष्ट नहीं करता तो उसको भूख का एहसास सताता रहता है की उसकी भूख की संतुष्टि जल्द से जल्द हो सके| दुनिया का सातवा सबसे बड़ा देश है भारत के बहुत से ऐसे इलाके है जहा पर पहुचना एक बड़ी चुनौती होती है लेकिन इंसानों ने वहा भी पहुच कर चुनौती को मात दी है यदि इन इलाको में इंसानी सब्यता मिलती है तो उनके लिए भूख को संतुष्ट करने वाले अनाज का महत्व बहुत बढ़ जाता है
खाना(भोजन) इंसानी शरीर को सुचारू रूप से चलाने के लिए जरुरी है बिना खाना खाए कोई इन्सान जीवित नहीं रह सकता कम से कम इन्सान को दिन में दो समय का खाना (भोजन) जरुरी होता है आज हम देखते है की भारत में ही नहीं कई देशो में बिना खाना खाए लोगो की मौत हो रही है और ये वर्तमान जीवन के लिए एक शर्मनाक बात है हम देखते है कई लोगो को अपने दो वक्त के भोजन के लिए काफी मसकत करनी पड़ती है किसी किसी इन्सान को खाना ही नहीं मिलता तो जिव जन्तुओ को कहा से मिलेगा| वो खाने की तलाश में कूड़े के ढेर में भी खाना तलाश करता मिलता है| वो लोग बहुत खुशकिस्मत है जिनको आसानी से खाना मिल जाता है और वो लोग भी बहुत खुशकिस्मत होते है जो किसी भूखे इन्सान को या जीव जंतु को भोजन खाना खिलते है|
कहते है किसी भी भूखे इन्सान या जीव जन्तु को खाना खिलाना सबसे बड़ा पुर्न्य माना जाता है आज हम देखते है दुनिया में सिखो के धर्मस्थल गुरूद्वारे में लोगो के लिए खाना खिलने की प्रथा चलती आई है और ये प्रथा प्रथम गुरु नानक देव जी के द्वारा शुरू की गई थी| जो वर्तमान में आज तक चलती है और इसी तरह चलती रहेगी| कई मंदिरो में भी भूखे लोगो को खाना खिलाने की प्रथा चलती आई है हम देखते है कई बार लोग भूखे लोगो केलिए खाने (भोजन) की तैयारी अपने घर से ही करते है और भूखे लोगो तक भोजन पहुचाहते है ताकि भूखे लोगो की भूख की संतुष्टि हो सके|
लॉक डाउन में कोरोना काल के दौरान एक राज्ये से दुसरे राज्ये में पलायन करते प्रवासी मजदूरो को भी भूख से तडपते देखा गया| जब शहरो में ये हाल है तो ग्रामीण क्षेत्रो में भूख से क्या हाल होता होगा| जबकि भारत सरकार ने हर व्यक्ति के लिए अनाज की व्यवस्था बहुत अच्छे तरीके से की ताकि कोई व्यक्ति भूख से तडपता हुआ ना मिले| इसमें सरकार की पूरी मदद देश के आम नागरिको और सेवा रक्षा में लगे लोगो ने भी की वो अपनी अपनी तरफ से जितना हो सके लोगो के लिए अनाज की व्यवस्था कर रहे थे| दुनिया में हर साल एक बड़ी मात्रा में अनाज दाल सब्जी खानपान की सामग्री की उत्पति की जाती है जो नागरिको की भूख को संतुष्ट कर सके| लेकिन एक बड़ी आबादी को हर रोज भूखा रहना पड़ता है|
In the world, it is the grain for the satisfaction of hunger that can beat the hunger, but the production of grains is a very big achievement from ancient times to the present period, which plays an important role in saving life.Grain is produced in many ways.Grain was produced for the satisfaction of hunger from the early human age, some distance was produced by the tribesmen, they also hunted for the satisfaction of their hunger. History has to be read to know this.But today, in order to satisfy hunger, different types of grains are produced and it is produced by the farmers. Talking about the hunger of humans, it is mandatory for them to have three meals a day, by which they give their daily day to the grapes Are capable of running smoothlyIf a person does not satisfy his hunger with food throughout the day, then he keeps on feeling hungry so that his hunger is satisfied as soon as possible. India is the seventh largest country in the world. There are many areas in India where it is a big challenge to reach, but humans have reached there and beat the challenge, if there is human succor in these areas, then those who satisfy the hunger for them The importance of grains increases greatlyFood (food) is necessary for the human body to run smoothly, no human being can live without eating food, at least it is necessary to have food (food) for two times a day, today we see that not only in India In many countries, people are dying without eating food and this is a shameful thing for the present life, we see that many people have to struggle a lot for their two time meals, if any person does not get food, then live Where will animals get from He is also looking for food in the garbage heap in search of food. Those people who are lucky enough to get food easily and those people are also very lucky to feed food to any hungry person or animal.It is said that feeding food to any hungry person or animal is considered to be the greatest re-birth. Today we see that the practice of feeding food for people has been going on in the Sikh shrine Gurdwara in the world and this practice started by the first Guru Nanak Dev Ji. Was done. Which currently runs till today and will continue to run like this. In many temples, the practice of feeding the hungry people has continued, we see that many times people prepare food (food) for the hungry people from their home.And food is delivered to the hungry people so that the hungry can satisfy their hunger.Migrant laborers migrating from one state to another during the Corona period in lock-down were also seen suffering. When this is happening in cities, what will happen to hunger in rural areas. Whereas the Government of India arranged the food grains for every person in a very good way so that no person is suffering from hunger. In this, the government's full help was also provided to the common citizens of the country and people engaged in protecting the service, they were arranging food grains for their people as much as possible. Every year a large quantity of food grains and vegetable catering is produced in the world, which can satisfy the hunger of the citizens. But a large population has to starve every day.
बहुत सही बात भूख ही सब अपराधों की जड़ है जिसे मिलता है उसे महत्व नहीं पता जिसके पास नही है उससे पूछो पर जो मेहनत करके उगा रहा है उसे भी परिश्रम का फल मिलना चाहिए
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